शिवजी की पूजा मूर्ति तथा शिवलिंग दोनों रूपों में की जाती है शिव के गले में नाग देवता विराजमान करते हैं तथा उनके हाथों में डमरू और त्रिशूल होता है. मोहिः संभ्रान्तः स्थित्वा शान्तिं न प्राप्नोत्। अर्थ- हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा https://shivchalisalyricsinhindia09123.is-blog.com/36087833/5-easy-facts-about-shiv-chalisa-lyrics-in-gujarati-described