गरज उठे गगन सारा, समुद्र छोड़ें अपना किनारा, हृदय पवित्र हो जाता है जब नवरात्रि आती है, माँ तो आखिर माँ हैं माँ तो हर मजबूर की सुनती हैं नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। आपके दिल में बसे माँ का प्यार और आपके चेहरे पर मुस्कान हो बरसात। ओम सर्वमंगल https://sites.google.com/view/navratrishayari/